
अविनाश पाण्डेय, अहमदनगर देश भर में लागू है और बहुत सारे काम-धंधे अभी तक बंद हैं। इस बीच महाराष्ट्र के अहमदनगर में सालों से जो एक सड़क नहीं बन पाई थी वह कोरोना संकट के दौरान बन गई। ऐसे में गांव वालों ने इस सड़क का नाम 'कोरोना रोड' रख दिया है। इतना ही नहीं इस गांव में के नाम का साइन बोर्ड भी लगा दिया गया है। अहमदनगर जिले के मंडावा गांव की इस सड़क को लोग हमेशा इस त्रासदी के रूप में याद रखेंगे। कोरोना के इस संकट में हर दिन लोगों ने परेशानियों से जूझ कर गुजारे हैं। हर दिन कोरोना शब्द लोगों के कानों पर दस्तक देता था। ऐसे में गांव वालों ने इस शब्द को हमेशा के लिए अपने साथ जोड़ लिया है। यह कोरोना रोड महाराष्ट्र ही नहीं बल्कि पूरे देश में इस नाम की पहली सड़क होगी। गांववालों के सहयोग से बनी सड़क लॉकडाउन के समय में गांव वालों ने मिलजुल कर इस सड़क का निर्माण करवाया। गांव के ही एक व्यक्ति अशोक रकटाते ने रास्ते का नाम कोरोना रोड हो ऐसा सोचा था और गांव वालों को भी यह नाम काफी पसंद आया और उन्होंने इस नाम को ही सड़क का नाम दे दिया। मंडावा गांव से लक्ष्मीवाड़ी तक जाएगी कोरोना रोड अहमदनगर के मंडावा गांव से लक्ष्मीवाड़ी तक सड़क नहीं थी। ऐसे में यह सड़क जल्द से जल्द बने इसके लिए गांव के सभी लोग प्रयास कर रहे थे। इस सड़क को बनाने के लिए लॉकडाउन के दौरान जब सभी लोग अपने अपने घरों पर थे उसी वक्त यह फैसला हुआ कि इस सड़क को पूरा किया जाए और इसके लिए लोगों ने अपनी जमीन को भी सड़क के लिए दान कर दिया।
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