
अविनाश पाण्डेय, के औरंगाबाद में लगातार किसान यूरिया न मिल पाने की शिकायतें कर रहे थे। तमाम शिकायतों के बाद कृषि मंत्री दादाजी भूसे ने गड़बड़ी करने वालों को खुद पकड़ने की ठानी। वह खुद सच्चाई जानने के लिए एक किसान बनकर औरंगाबाद की एक दुकान पर पहुंचे और वहां पर उन्होंने हकीकत जानी। दादाजी ने पाया कि आ रही शिकायतें सही थीं। दुकानदार ने स्टॉक होते हुए भी दादाजी भूसे से कहा कि स्टॉक नहीं है। कृषि मंत्री ने जब दुकानदार से स्टॉक का रजिस्टर मांगा तो दुकानदार ने कहा कि रजिस्टर घर पर है। एमआरपी से ज्यादा ले रहा था कृषि मंत्री को यह भी शिकायत मिल रही थी कि यूरिया के दाम एमआरपी से ज्यादा लिए जा रहे हैं। इन तमाम शिकायतों को अपनी इस पड़ताल में कृषि मंत्री ने सही पाया। एक किसान बनकर पहुंचे मंत्री ने फौरन जिला के कृषि अधीक्षक को बुलाया और उसके बाद तत्काल उस दुकान के सभी गोदाम की छानबीन करवाई।छानबीन में 1386 बैग यूरिया के पाए गए जिसके बाद मंत्री ने तत्काल कार्यवाई के आदेश दिए। अधिकारी को भेजा छुट्टी पर क्वालिटी कंट्रोल अधिकारी को छुट्टी पर भेज दिया। उन्होंने सभी दुकानदारों को चेतावनी भी दी की किसानों के साथ इस तरह का व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। किसानों को उचित दाम पर यूरिया मिलनी ही चाहिए और उसकी कालाबाजारी को किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा जो भी दोषी होगा, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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