
मुंबई पूरे देश के साथ मुंबई (mumbai ) और महाराष्ट्र (maharashtra) भी कोरोना महामारी (corona outbreak ) से परेशान हैं। कोरोना को खत्म करने के लिए हर स्तर पर प्रयत्न किया जा रहा है। कोरोना की गरीब तबके की हालत काफी ख़राब हो गयी है। ऐस में गरीबों को भोजन की तकलीफ न हो इसलिए महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार ने शिवभोजन थाली की शुरुआत की थी। सरकार की इस योजना को जनता की तरफ से अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है और अब तक दो करोड़ लोगों ने इसका फायदा उठाया है इसलिए सरकार ने इस योजना को अगले साल मार्च तक बढ़ा दिया है। मजदूरों को भरपेट भोजन के लिए शुरू की थी योजना राज्य के ने सूबे के गरीब, मेहनतकश, मजदूर और विद्यार्थियों के लिए शिवभोजन थाली की योजना को 26 जनवरी, 2020 को शुरू किया था। अन्न नागरिक आपूर्ति व ग्राहक संरक्षण मंत्री छगन भुजबल ने बताया कि 26 जनवरी से 8 अक्टूबर के बीच करीब 2 करोड़ लोगों ने इस शिवभोजन थाली का लाभ लिया है। शुरुआत में दस रूपये था दाम योजना के शुरूआती चरण में सिर्फ 10 रुपए में राज्य के गरीब नागरिकों को शिवभोजन थाली उपलब्ध करवाई जाती थी। हालांकि कोरोना महामारी के बाद राज्य के गरीब, मेहनतकश, मजदूर व विद्यार्थी तबका भूखा न रहें। इसलिए सरकार ने केवल 5 रुपए में लोगों को भोजन देने का फैसला किया था। ज्यादा से ज्यादा लोग इस योजना का लाभ ले सकें इसलिए प्रत्येक जिले में परोसी जानेवाली शिवभोजन थाली की संख्या में पांच गुना वृद्धि की गई है। सरकार देती है अनुदान शहरी इलाकों में शिवभोजन की प्रति थाली पर 45 रुपए और ग्रामीण भागों में 30 रुपए प्रति थाली सरकार अनुदान देती है। इस योजना शुरू करने के बाद जनवरी महीने में 79 हजार, 918 ,फरवरी महीने में 4 लाख 67 हजार 869 , मार्च महीने में 5 लाख 78 हजार 31 नागरिकों ने शिवभोजन का लाभ उठाया है। जबकि कोरोना महामारी पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा घोषित किए गए लॉकडाऊन में अप्रैल, मई और जून महीने में क्रमश: 24 लाख 99 हजार 257 , 33 लाख 84 हजार 40 और 30 लाख 96 हजार 232 लोगों ने शिवभोजन थाली का फायदा लिया।
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