
मुंबई (Mahavikas aghadi government) और के बीच में तनातनी का एक मामला और सामने आया है। जब महाराष्ट्र सरकार को यह आरोप लगाने का मौका मिल गया है कि केंद्र, महाराष्ट्र के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है। महाराष्ट्र में आए तूफान ( maharashtra cyclone) से राज्य को काफी नुकसान हुआ था। इसी के लिए राज्य ने केंद्र सरकार से मदद की मांग की थी। लेकिन केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र को महज 268 करोड रूपये थमा कर चलता कर दिया। जबकि अन्य राज्यों को अच्छी खासी मदद मुहैया करवाई है। सबसे ज्यादा फण्ड पश्चिम बंगाल को दिया केंद्र सरकार ने इस बार पश्चिम बंगाल (west bangal ) के लिए अपनी तिजोरी खोल दी है। केंद्र पर यह आरोप फिर लग रहा है कि पश्चिम बंगाल में होने वाले चुनाव को देखते हुए केंद्र सरकार ने इसे 2707.77 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद की है। यह मदद प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान के बाद राज्य को फिर से स्थिर होने के लिए दी गई है। इसके पहले भी प्रधानमंत्री की तरफ से बंगाल को 1000 करोड़ रुपए और उड़ीसा को 500 करोड़ की आर्थिक मदद की जा चुकी है। कर्नाटक को मिले 577 करोड़ आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल उड़ीसा और महाराष्ट्र इन राज्यों में तूफान चक्रवात की वजह से काफी नुकसान हुआ था। वहीं कर्नाटक और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में नागरिकों को भयंकर बाढ़ का सामना करना पड़ा था। जबकि सिक्किम को भूस्खलन से भारी नुकसान उठाना पड़ा था। केंद्र सरकार की तरफ से कर्नाटक को 577 करोड रुपए की आर्थिक मदद दी गई है। महाराष्ट्र में तूफान से तबाही महाराष्ट्र कोंकण इलाके में तूफान की वजह से भारी नुकसान हुआ था। ना सिर्फ कोंकण बल्कि पूरे महाराष्ट्र में इसका असर देखने को मिला था। महाराष्ट्र के केंद्र सरकार से बड़े राहत पैकेज की उम्मीद थी। लेकिन इस बार भी महाराष्ट्र के बाद कुछ खास नहीं लगा। राज्य सरकार ने केंद्र से 1065 करो रुपए की मांग की थी लेकिन केंद्र की तरफ से महाराष्ट्र को सिर्फ 268. 59 करोड़ रुपये ही मिले हैं।
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